देखो, आपके दल के एक-दो नेता जो बात कर रहे हैं. वो देश के लिए ठीक नहीं है. ये भी कोई बात है महराज, जो मन में अये, वो बोलने लगे. सेना की कार्रवाई का सबूत मांग रहे हैं. आखिर हो क्या गया है उनको? आप लोग भी है विरोध नहीं करते. शहर के नुक्कड़ पर ये कहते हुये सत्तापक्ष के एक नेता ने विपक्ष के साथी पर तंज कसा, तो विपक्षी दल का नेता उन्हें देखता रह गया. बिना कुछ बोले बातें सुनता रहा. कुछ देर के बाद जब नहीं रहा गया, तो कहने लगा कि हमारे नेता ने तो पहले ही कार्रवाई की सराहना की है. आप कहां की बात कर रहे हैं. हम तो सरकार के साथ हैं, देश के साथ हैं, जो होगा हम तो देश की ही बात करेंगे. हमारे जवानों ने ऐसा दर्द दिया है कि पड़ोसी को कुछ कहते नहीं बन रहा है. अब संयुक्त अधिवेशन बुला रहा है. अगर सजिर्कल स्ट्राइक नहीं हुआ है, तो पड़ोसी को इतनी मिर्ची क्यों लगी है. उसको चुप रहना चाहिये, दुनिया समझ जायेगी, लेकिन इस बार घाव गंभीर है, जो रह-रह कर दर्द दे रहा है. उससे रहा नहीं जा रहा है.
पक्ष के नेताओं के बीच ये बात चल ही रही थी, तभी आसपास कुछ लोग और जुट गये और कहने लगे कि अब तो चश्मदीदों तक के बयान अखबार में आ गये हैं. कैसे सजिर्कल स्ट्राइक हुआ है, वो आंखों देखी हाल बता रहे हैं. कह रहे हैं कि स्ट्राइक के अगले दिन सुबह के समय ट्रक से शव ढोये गये हैं. कैसे और किस जगह पर सेना ने कार्रवाई की है. इसके बारे में भी बता रहे हैं, अब क्या सबूत चाहिये? इससे भी बड़ी बात हो सकती है क्या? सब तो साफ हो गया है कि गाल बजाने से कुछ थोड़े होनेवाला है. हम लोग सही ट्रैक पर जा रहे हैं. ऐसे ही जवाब पहले भी दिया जाना चाहिये थे, तब इतनी हिम्मत नहीं पड़ती. नुक्कड़ की इस बात की तरह पूरे शहर में पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में आयी तल्खी पर हर जगह बात हो रही है. सब जगह देश और देशभक्ति का जज्बा दिख रहा है. लोग देश को ऊपर बता कुछ भी कर गुजरने की बात कह रहे हैं. जय हिन्द.
पक्ष के नेताओं के बीच ये बात चल ही रही थी, तभी आसपास कुछ लोग और जुट गये और कहने लगे कि अब तो चश्मदीदों तक के बयान अखबार में आ गये हैं. कैसे सजिर्कल स्ट्राइक हुआ है, वो आंखों देखी हाल बता रहे हैं. कह रहे हैं कि स्ट्राइक के अगले दिन सुबह के समय ट्रक से शव ढोये गये हैं. कैसे और किस जगह पर सेना ने कार्रवाई की है. इसके बारे में भी बता रहे हैं, अब क्या सबूत चाहिये? इससे भी बड़ी बात हो सकती है क्या? सब तो साफ हो गया है कि गाल बजाने से कुछ थोड़े होनेवाला है. हम लोग सही ट्रैक पर जा रहे हैं. ऐसे ही जवाब पहले भी दिया जाना चाहिये थे, तब इतनी हिम्मत नहीं पड़ती. नुक्कड़ की इस बात की तरह पूरे शहर में पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में आयी तल्खी पर हर जगह बात हो रही है. सब जगह देश और देशभक्ति का जज्बा दिख रहा है. लोग देश को ऊपर बता कुछ भी कर गुजरने की बात कह रहे हैं. जय हिन्द.
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