आज (17 अक्तूबर) जिस अंदाज में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हेलीकॉप्टर एलएस कॉलेज मैदान में तय समय से डेढ़ घंटे के बाद उतरता दिखायी दिया, तो सहसा पिछले साल के चुनाव की याद आ गयी. भाजपा की ओर से चुनाव यात्रा के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टर शायद किराये पर लिये गये थे, जिनसे एनडीए के नेता विभिन्न इलाकों में प्रचार के लिए निकलते थे. अमूमन हवाई यात्र के मामले में शांत रहनेवाली मुजफ्फरपुर की फिजा में उस समय कोलाहल सुनायी देता था. नेताओं की सभाएं भी उनकी जाति के बाहुल्य वाले इलाके में लगायी जाती थीं, जहां वो जाति धर्म से ऊपर उठ कर वोट करने की मांग लोगों से करते थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की धुंआधार सभाएं हो रही थीं, जिसमें वो केंद्र सरकार को ललकारते थे. केंद्रीय नेता इनकी ओर से उठाये गये सवालों के जवाब देते थे, जबकि ये नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाये जानेवाले सवालों के जवाब अपनी सभाओं में दे रहे थे. इसी बीच प्रधानमंत्री की सीतामढ़ी में रैली हुई, रैली में पहली बार प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास के लिए छह सूत्री फामरूले का एलान किया था, जिसमें बिजली, सड़क व स्वास्थ्य शामिल था. अपने अंदाज में प्रधानमंत्री लोगों से पूछते थे कि बिजली आयी या नहीं, जबकि जमीनी हकीकत ये थी कि बिजली लगातार रह रही थी. ऐसे ही सड़क के मामले में सवाल करते, तो नीचे खड़े लोग उनकी हां में हां मिलाते थे, लेकिन जमीनी हकीकत ये थी कि प्रधानमंत्री योजना से ही ज्यादातर गांवों में सड़कें बनी हैं. ऐसे में लोग सभा के दौरान ही विरोध करने लगते थे. सीतामढ़ी की सभा में ही एक चौकीदार ने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान इधर-उधर बोलना शुरू किया, तो हम लोग उससे पूछ बैठे, तो उसका कहना था कि हम नेपाल के सीमावर्ती इलाके से आये हैं. हमारे यहां सड़क भी है और बिजली भी, हाल के सालों में दोनों की स्थिति बेहतर हुई है, तो प्रधानमंत्री की ओर से ये कैसे बोला जा रहा है.
उसका कहना था कि प्रधानमंत्री उन मुद्दों पर बात क्यों नहीं करते हैं, जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उठाये थे. उसका कहना था कि उन मुद्दों को बीच में ही नहीं छोड़ा जा सकता है, जिन पर एक पार्टी चुनाव लड़ी और जीत कर सत्ता में आयी. चाहे किसानों की खेती पर लागत और उसमें होनेवाले फायदे का मुद्दा हो या फिर अच्छे दिनों के वादे का मुद्दा. प्रधानमंत्री के बताना चाहिये कि वो अपना वादा कब तक पूरा करेंगे. एक चौकीदार की ओर से उठाये जा रहे इन सवालों को सुन कर हम दंग थे, तभी मुङो चुनाव के अंजाम भी साफ दिखायी पड़ने लगा था, लेकिन जब भी मैं किसी से इसके बारे में बात करता था, तो उसका कहना होता था कि आप लोग सरकार के पक्ष की बात कर रहे हैं. ऐसा होने नहीं जा रहा है. जारी..
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की धुंआधार सभाएं हो रही थीं, जिसमें वो केंद्र सरकार को ललकारते थे. केंद्रीय नेता इनकी ओर से उठाये गये सवालों के जवाब देते थे, जबकि ये नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाये जानेवाले सवालों के जवाब अपनी सभाओं में दे रहे थे. इसी बीच प्रधानमंत्री की सीतामढ़ी में रैली हुई, रैली में पहली बार प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास के लिए छह सूत्री फामरूले का एलान किया था, जिसमें बिजली, सड़क व स्वास्थ्य शामिल था. अपने अंदाज में प्रधानमंत्री लोगों से पूछते थे कि बिजली आयी या नहीं, जबकि जमीनी हकीकत ये थी कि बिजली लगातार रह रही थी. ऐसे ही सड़क के मामले में सवाल करते, तो नीचे खड़े लोग उनकी हां में हां मिलाते थे, लेकिन जमीनी हकीकत ये थी कि प्रधानमंत्री योजना से ही ज्यादातर गांवों में सड़कें बनी हैं. ऐसे में लोग सभा के दौरान ही विरोध करने लगते थे. सीतामढ़ी की सभा में ही एक चौकीदार ने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान इधर-उधर बोलना शुरू किया, तो हम लोग उससे पूछ बैठे, तो उसका कहना था कि हम नेपाल के सीमावर्ती इलाके से आये हैं. हमारे यहां सड़क भी है और बिजली भी, हाल के सालों में दोनों की स्थिति बेहतर हुई है, तो प्रधानमंत्री की ओर से ये कैसे बोला जा रहा है.
उसका कहना था कि प्रधानमंत्री उन मुद्दों पर बात क्यों नहीं करते हैं, जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उठाये थे. उसका कहना था कि उन मुद्दों को बीच में ही नहीं छोड़ा जा सकता है, जिन पर एक पार्टी चुनाव लड़ी और जीत कर सत्ता में आयी. चाहे किसानों की खेती पर लागत और उसमें होनेवाले फायदे का मुद्दा हो या फिर अच्छे दिनों के वादे का मुद्दा. प्रधानमंत्री के बताना चाहिये कि वो अपना वादा कब तक पूरा करेंगे. एक चौकीदार की ओर से उठाये जा रहे इन सवालों को सुन कर हम दंग थे, तभी मुङो चुनाव के अंजाम भी साफ दिखायी पड़ने लगा था, लेकिन जब भी मैं किसी से इसके बारे में बात करता था, तो उसका कहना होता था कि आप लोग सरकार के पक्ष की बात कर रहे हैं. ऐसा होने नहीं जा रहा है. जारी..
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