शनिवार, 1 जुलाई 2017

मैं मुजफ्फरपुर का चक्कर मैदान हूं

मैं मुजफ्फरपुर का चक्कर मैदान हूं. ज्यादा पुरानी बात करने का आज मूड नहीं है. फिर कभी लगेगा, तो बताऊंगा, मैं क्या था और कैसे-कैसे क्या होता गया. अभी पिछले दो-तीन साल के दौरान मेरे साथ क्या-क्या हुआ, यह बताने का मूड है. आज मुङो चाक-चौबंद कर दिया गया. गेट लगा दिये गये हैं. कटीले तारों से घेर दिया गया है. इससे भी दिल नहीं भरा, तो पहरे पर संगीनधारी जवानों को लगा दिया गया है. कोई भी मुझसे मिलने आना चाहता है, तो उसे सड़क से ही वापस कर दिया जाता है. हालत तो यह हो गयी है कि अब लोग मेरे आसपास से बनी सड़क से गुजरने से भी कतराने लगे हैं. उन्हें लगता है कि पता नहीं कब संगीनधारी जवान उन्हें रोक लें और सुरक्षा के नाम पर जांच शुरू कर दें. जांच तक तो ठीक है, लेकिन जवानों की ओर से कई बार व्यवहार को लेकर शिकायतें आयीं. आवाज उठी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ.
हालत ये हो गयी है, जहां पर कुछ महीने पहले छोटे-छोटे नौनिहाल घूमते थे, खेलते थे, किलकारियां लेते थे. उनके अभिभावक उन्हें देख कर प्रसन्न होते थे और खुद का बीपी, सुगर ठीक करने के लिए मेरे आंगन में तेजी से चलते और दौड़ लगाते थे. उन सब जगहों पर खर-पतवार उग गया है. ग्वाले दूध लेकर झूमते हुये मेरे आंगन से गुजरते थे, ताकि वह माड़ीपुर से चक्कर मैदान रोड पर जल्दी से जल्दी पहुंच जायें. सुबह तो मुङो सबसे पहले उठ जाना पड़ता था, क्योंकि तीन बजे के बाद ही खुद की सेहन चाहनेवाले लोग मेरे आंगन में आकर टहलने लगते थे. यह कुछ महीनों पहले तक होता था, लेकिन उसके बाद अचानक क्या हुआ, कुछ समझ में नहीं आया और अचानक सबकुछ बंद कर दिया गया. सुरक्षा के नाम पर.
अब मेरी हाल के सालों की कहानी सुन लीजिये. जुलाई 2015 की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर यात्र तय हो गयी थी. इस बात पर चर्चा हो रही थी कि उनकी रैली चक्कर मैदान या फिर सहारा मैदान में होगी, लेकिन जल्दी ही साफ हो गया कि रैली चक्कर मैदान में होगी. इसके बाद साफ-सफाई, हैलीपैड और मंच बनने का दौर शुरू हुआ. बड़ी तैयारी की गयी. उस समय साउथ चक्कर रोड की सालों से टूटी सड़क भी रातोंरात प्रधानमंत्री के नाम पर बन गयी. रैली में जिस तरह से भीड़ उमड़ी, उसको लेकर मिसालें दी जाने लगीं. लोग अनुमान लगा रहे थे कि क्या इससे ज्यादा भीड़ कभी चक्कर मैदान में उमड़ी होगी? उस समय मेरा सीना फूल कर गदगद हो गया था. मुङो इस बात का गर्व हो रहा था कि मैं जिस देश और क्षेत्र की धरोहर हूं. वहां के लोग हमारे आंगन में आये हैं. मुङो बड़ा अच्छा लग रहा था, मैं मगन था.
जारी..

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