बेतिया व बेगूसराय से समाज को राह दिखानेवाली ऐसी दो खबरें पांच दिनों में आयी हैं, जिनकी इस समय समाज को बड़ी जरूरत है. 20 सितंबर को बेतिया के साठी प्रखंड के धमौरा गांव से समाचार आया कि वहां की पूजा कमेटी में 10 सदस्य हिंदू हैं, तो दस मुस्लिम भी शामिल हैं. यही नहीं एक तारीख को मोहर्रम के दौरान निकलनेवाली जुलूस की तैयारियों में हिंदू समाज के लोग जुड़े हैं. यानी मुस्लिम दुर्गापूजा का इंतजाम कर रहे हैं. कैसे पूजा होगी, कहां पंडाल बनेगा. मां को क्या भोग लगेगा. पूजा के बाद कितने लोगों को प्रसाद खिलाया जायेगा भंडारा में, तो हिंदू समाज के लिए मोहर्रम में मातम मनाते नजर आयेंगे. यह गंगा जमुनी तहजीब का ऐसा नमूना है, जिसे हमारी पीढ़ियां सीचती आयी हैं और इसे अब हमारी पीढ़ी आागे बढ़ा रही है.
यहां सुबह होते ही धमौरा पंचायत के पूर्व मुखिया जाकिर गुलाब यह चिंता करना शुरू कर देते हैं कि माईस्थान की सफाई कैसे होगी. पंडाल कब तैयार हो जायेगा. वहीं, पूजा समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार झा की चिंता इस बात की है कि मोहर्रम के दौरान निकलनेवाले जुलूस में किसी तरह की कोर-कसर नहीं रह जाये.
हाल के सालों में जिस तरह से धार्मिक असहिष्णुता की बात होती रही है. वैसे में धमौरा के लोगों का प्रयास भले ही छोटा हो, लेकिन इसका संदेश बहुत बड़ा है. धमौरा की तरह ही बेगूसराय की किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति के 24 सदस्यों में 17 मुस्लिम समुदाय के लोग हैं यानी समिति में इन लोगों का बहुमत है. किरोड़ीमल में बीते 97 साल से पूजा हो रही है. यहां मंदिर से पचास मीटर की दूरी पर मस्जिद है, जहां पांचों वक्त की नमाज होती है, जब नवाज का समय होता है, तो मंदिर में होनेवाली पूजा का लाउडस्पीकर बंद कर दिया जाता है. यह भाईचारे और आपसी एकता की मिसाल है. इसके लिए किसी सरकारी या प्रशासनिक आदेश की जरूरत नहीं है. यह यहां के लोग खुद कर रहे हैं.
यहां सुबह होते ही धमौरा पंचायत के पूर्व मुखिया जाकिर गुलाब यह चिंता करना शुरू कर देते हैं कि माईस्थान की सफाई कैसे होगी. पंडाल कब तैयार हो जायेगा. वहीं, पूजा समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार झा की चिंता इस बात की है कि मोहर्रम के दौरान निकलनेवाले जुलूस में किसी तरह की कोर-कसर नहीं रह जाये.
हाल के सालों में जिस तरह से धार्मिक असहिष्णुता की बात होती रही है. वैसे में धमौरा के लोगों का प्रयास भले ही छोटा हो, लेकिन इसका संदेश बहुत बड़ा है. धमौरा की तरह ही बेगूसराय की किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति के 24 सदस्यों में 17 मुस्लिम समुदाय के लोग हैं यानी समिति में इन लोगों का बहुमत है. किरोड़ीमल में बीते 97 साल से पूजा हो रही है. यहां मंदिर से पचास मीटर की दूरी पर मस्जिद है, जहां पांचों वक्त की नमाज होती है, जब नवाज का समय होता है, तो मंदिर में होनेवाली पूजा का लाउडस्पीकर बंद कर दिया जाता है. यह भाईचारे और आपसी एकता की मिसाल है. इसके लिए किसी सरकारी या प्रशासनिक आदेश की जरूरत नहीं है. यह यहां के लोग खुद कर रहे हैं.