शनिवार, 30 सितंबर 2017

वो अस्सी के हैं, तो आप भी...

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सरकार की अर्थनीत को लेकर सवाल उठाये और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को निशाने पर लिया, तो भाजपा के अंदर ही बड़ी बहस शुरू हो गयी. हालांकि ये सवाल पहले से विपक्ष व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की ओर से उठाये जाते रहे हैं, लेकिन तब सरकार अपने बचाव में अलग-अलग तर्क पेश करती रही है. अब जब अपने घर के अंदर से ही आवाज आयी, तो सामने आये देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह, जिन्होंने ऑल इज वेल कह कर चीजों को संभालने की कोशिश की, लेकिन तीर कमान से निकल चुका था, सो अरुण जेटली ने नाम तो नहीं लिया, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा पर निशाना साध डाला. कहने लगे कि अस्सी साल की उम्र में काम ढूंढ रहे हैं. और तमाम बातें वित्त मंत्री ने कहीं. वित्त मंत्री जब यह बातें कह रहे थे, तब शायद उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि वह अभी भले की किसी उम्र के हों, लेकिन बढ़ तो अस्सी की ओर ही रहे हैं. एक न एक दिन वह भी अस्सी के होंगे और अस्सी के उम्र के काम मांगना क्या गुनाह है क्या? इससे पहले पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने को लेकर जो बयान वित्त मंत्री का आया था, वो भी आपने सुना ही होगा.
भाजपा के घर के अंदर से उठी इस आावाज के शांत होने की जगह बढ़ते जाने की आशंका है, क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली के सवाल का जबाव बड़े जोरदार ढंग से यशवंत सिन्हा ने दे दिया है. कहा है कि अगर हम काम मांगते, तो आप वहां नहीं होते. भाजपा के पूर्व और वर्तमान वित्त मंत्री के बीच इस तल्खी का क्या देश के लोगों को फायदा हो रहा है? व्यक्तिगत तौर पर सवाल उठाने से क्या समस्याओं को समाधान हो जायेगा? क्या जीएसटी का रिटर्न भरने के लिए परेशान रहनेवाले व्यापारियों की समस्या सुलझ जायेगी? क्या पेट्रोल-डीजल के दामों में इन बयानों का असर पड़ेगा? शायद नहीं, तो फिर इस बयानबाजी के क्या मायने निकालने चाहिये. आज कुछ लोगों से बात हो रही थी, तो उनका कहना था कि हर सेक्टर से निराशा का माहौल है. इसका असर अपने लोक उत्सवों तक पर पड़ रहा है. इस बार की पूजा में वैसी भीड़ नहीं देखने को मिली, जो पिछले सालों में होती रही है.
सोशल मीडिया पर जीएसटी को ब्लू ह्वेल गेम का भारतीय वजर्न कहा जा रहा है. ऐसे भी मैसेज देखने को मिल रहे हैं, जिसमें हाल-चाल की जगह लोग जीएसटी रिटर्न की बात करते दिखते हैं. अभी दुर्गा पूजा में एक मैसेज आया, जिसमें मां से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की बुद्धि देने की बात कही गयी है. अगर ऐसे मैसेज और बातें आम लोगों के बीच हो रही हैं, तो संकेत अच्छे नहीं हैं.

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