रविवार, 26 फ़रवरी 2017

सत्य ही शिव है

महाशिवरात्रि के पर्व पर देवाधिदेव महादेव की बारात निकली. उनकी बारात में कौन-कौन शामिल होता है, ये बताने की बात नहीं है. लोक जीवन में रह कर हम सब जानते हैं, लेकिन कई बार होता ये है कि लोग शिव भगवान के बारातियों की आड़ लेकर अपने दुगरुणों का बचाव करने की कोशिश करते हैं, इसको लेकर तरह-तरह के तर्क देते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि सत्य का दूसरा नाम ही शिव है. शिव तत्व की जरूरत हम लोगों को हमेशा होती है. रोजमर्रा से लेकर लोक जीवन तक में, लेकिन अभी समाज में जो स्थिति देखने को मिलती है. वह इसके ठीक विपरीत है.
हम शिव की पूजा करते हैं. उन्हें खुश करने के लिए लाख जतन करते हैं, लेकिन जिस सत्य को उनका रूप माना गया है. उसी का साथ छोड़ देते हैं. ऐसे में हमें समझना चाहिये कि शिव कैसे आपके साथ हो सकते हैं. आप शिव को कैसे अपने साथ होने की बात कर सकते हैं? क्यों जब सत्य की शिव है, तो असत्य का साथ तो शिव देंगे नहीं. यह सामान्य सी बात हमें समझ लेनी चाहिये और लोक जीवन में उसी के मुताबिक काम करना चाहिये. शिव को लेकर लिखना सरल नहीं है, क्योंकि उनका जितना व्यापाक रूप है और वह जितना सरल हैं. उनका विस्तार उनता ही अधिक है. ऐसे में उनके बारे में कुछ कहना या लिखना कम से कम हम जैसे लोगों की बात नहीं है.
इसके बाद भी हम उसी सरलता की बात कर रहे हैं, जो शिव को पसंद है. शिव तत्व में शामिल है. वह है सत्य. सत्य का साथ हमें हमेशा देना चाहिये. उसके साथ खड़े रहना चाहिये, तभी शिव के साथ हम रहेंगे, चाहे हम जो भी काम करते हों, लेकिन सत्य का साथ हमेशा बनाये रखना चाहिये. यही आज के दिन में सबसे जरूरी है. इसका विस्तार अगर आप देखना चाहते हैं, तो सत्य का साथ दीजिये. अपने आप में सब चीजें दिखने लगेंगी और फिर अपने बारे में भी जान जायेंगे. जय शिव.

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