हमारा जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है. जैसे दिन और रात. अगर दिन में सूरज की चमक से हम प्रकाशित रहते हैं, तो रात में चंद्रमा प्रकाश के साथ शीतलता भी प्रदान करता है, लेकिन रात में अमाश्वया की रात ऐसी होती है, जब घुप्प अंधेरा रहता है. कहीं कुछ सूझता नहीं है, लेकिन इसी अंधकार में अगर दूर भी कहीं रोशनी टिमटिमा रही होती है, तो वह दिख जाती है. हम सब जानते हैं, रात के समय आकाश में तारे हमें कितनी दूर होने के बाद भी कितना स्पष्ट रूप से दिखायी पड़ते हैं. कई बार लगता है कि हम उनसे संवाद कर रहे हैं यानि अंधकार ही वह वजह है, जिससे हमें प्रकाश की अहमियत का पता चलता है.
ऐसे ही हमारा जीवन भी है. अगर हम अपने जीवन में देखें, तो जब भी कठिन समय आया है. उसी समय किसी न किसी बड़े काम की नीव पड़ी होती है, जो आपको जीवनभर का आनंद देता है. ऐसी घटनाएं सबके साथ होती है, लेकिन हमें इन्हें समझना और महसूस करना चाहिये. हमें जीवन के अंधकार यानि खराब समय का भी वैसे ही स्वागत करना चाहिये, जैसे हम प्रकाश के आने का करते हैं. अगर हम इसे समझ ले जाते हैं और इस सिद्धांत पर काम करते हैं, तो कोई वजह नहीं है, जो हमें परेशान कर सकती है.
जारी
ऐसे ही हमारा जीवन भी है. अगर हम अपने जीवन में देखें, तो जब भी कठिन समय आया है. उसी समय किसी न किसी बड़े काम की नीव पड़ी होती है, जो आपको जीवनभर का आनंद देता है. ऐसी घटनाएं सबके साथ होती है, लेकिन हमें इन्हें समझना और महसूस करना चाहिये. हमें जीवन के अंधकार यानि खराब समय का भी वैसे ही स्वागत करना चाहिये, जैसे हम प्रकाश के आने का करते हैं. अगर हम इसे समझ ले जाते हैं और इस सिद्धांत पर काम करते हैं, तो कोई वजह नहीं है, जो हमें परेशान कर सकती है.
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